■ मुक्तक : 385 – उसके इश्क़ से Posted on November 24, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments उसके इश्क़ से बचना चाहे पर हो-हो जाए ।। दिल उसके पुरलुत्फ़ ख़यालों में खो-खो जाए ।। पहले ही कितने सर रो-रो बोझ उठाए है – तिस पर उसकी वज़्नी-यादें भी ढो-ढो जाए ? -डॉ. हीरालाल प्रजापति 2,436