मुक्तक : 402 – यदि कोई उपवन न हो Posted on December 18, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments ( चित्र Google Search से साभार ) यदि कोई उपवन न हो झुरमुट हो झाड़ी हो ॥ राजसी मदिरा न हो सामान्य ताड़ी हो ॥ लक्ष्य तक पहुँचा सके जो हमको आवश्यक , अश्व रथ हो या वो छकड़ा बैल गाड़ी हो ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 474