मुक्तक : 407 – नींद का चोर Posted on December 20, 2013 /Under मुक्तक /With 0 Comments नींद का चोर आज रात ख़ुद नहीं सोया ॥ दर्द दे खिलखिलाने वाला सुबक कर रोया ॥ क्या हुआ ? क्यों हुआ ? ये बात तो वही जाने , बस सुकूँ ये कि लुटेरे का भी कुछ तो खोया ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 114