मुक्तक : 445 – क्या फ़ायदा कि चुप हो Posted on January 15, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments ( चित्र Google Search से साभार ) क्या फ़ायदा कि चुप हो गज भर ज़बान रखकर ? सुनते नहीं अगर तुम हाथी से कान रखकर ॥ आँखें हैं पर न देखो , सिर धर के गर न सोचो ! फिर तुम तो चलता फिरता मुर्दा हो जान रखकर ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 576