■ मुक्तक : 468 – पहले भी थे पर इतने Posted on February 6, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments पहले भी थे पर इतने नहीं थे तब आदमी ॥ मतलब परस्त जितने हुए हैं अब आदमी ॥ उस दौर में ग़ैरों पे भी देते थे लोग जाँ , अब जाने फिर से वैसे ही होंगे कब आदमी ? -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,226