■ मुक्तक : 472 – तेरी यादों में Posted on February 9, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments तेरी यादों में क़त्रा-क़त्रा आँखों ने ढाया ।। अश्क़ जब ख़त्म हो गए तो खूँ भी छलकाया ।। राह देखी कुछ ऐसी तेरी दम-ए-आख़िर तक , पलकों को मरके भी खुला रखा न झपकाया ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,230