■ मुक्तक : 474 – दस्ती – रूमाल ठीक Posted on February 11, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments दस्ती-रूमाल ठीक-ठीक न धोना आया ॥ बाल सा तार सूई में न पिरोना आया ॥ तुमने उसको पहाड़ टालने का काम दिया , जिसको टीला तो क्या न ढेल भी ढोना आया ! -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,031