■ मुक्तक : 479 – इश्क़ का नाम हो Posted on February 14, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments प्रेम का नाम हो सुनाम ना कुनाम बने ।। आबे ज़मज़म रहे , न मैक़दे का जाम बने ।। हो खुलेआम इश्क़बाज़ियों पे पाबंदी , सात पर्दों की बात इरादतन न आम बने ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,120