मुक्तक : 481 – यों दिखा करता हूँ Posted on February 16, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments यों दिखा करता हूँ फूला सा भले मैं ॥ पर दबा हूँ आपकी स्मृति-तले मैं ॥ आगे यद्यपि मैं विहँसता हूँ जगत के , झेलता हूँ किन्तु हिय में ज़लज़ले मैं ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,423