■ मुक्तक : 490 – चुप-चुप रहने वाला Posted on February 23, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments चुप-चुप रहने वाला आगे बढ़-बढ़ बोले ।। नये-नये नायाब बहाने गढ़-गढ़ बोले ।। ये हैरतअंगेज़ कारनामा वो करता , जिसके सिर पर जादू इश्क़ का चढ़-चढ़ बोले ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 1,326