■ मुक्तक : 494 – ताक़त के साथ-साथ Posted on February 27, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments ( चित्र : google search से ) ताक़त के साथ-साथ रखते हों जो शरफ़ भी ।। क्या इस जहाँ में अब भी इस क़दर हैं हिम्मती ? गर जानता हो कोई तो बताये आज ही , ढूँढूँ उन्हें महल , कुटी में या गली-गली ? -डॉ. हीरालाल प्रजापति 1,633