■ मुक्तक : 503 – उसके पहलू में सुब्ह Posted on March 12, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments उसके पहलू में सुब्ह सोऊँ जाग रात करूँ ॥ इतना पाया न कभी वक़्त उससे बात करूँ ॥ उसकी सुह्बत की रही सिर्फ़ मेरी हस्रत ही , ख़ाली अर्मान रहा उससे मुलाक़ात करूँ ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,225