■ मुक्तक : 508 – कल तक न आये थे Posted on March 18, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments कल तक न आये थे , मगर हम आज दोस्तों , आये हैं ऐसे दोस्तों , से बाज़ दोस्तों ; लेते न हाथों हाथ ना , बिठाते सर पे जो , करते नहीं जो हमपे फ़ख़्र ओ नाज़ दोस्तों ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 2,408