■ मुक्तक : 509 – तुझसे तो थी शर्तिया Posted on March 19, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments तुझसे तो थी शर्तिया , मुझको उम्मीदे वफ़ा ।। तू मगर औरों से बढ़ ,चढ़के निकला बेवफ़ा ।। तू किया करता रहा , ग़ैरों से धोख़ा चलो , हाय अपनों से भी तू , कर न पाया रे वफ़ा ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 1,828