■ मुक्तक : 519 – सब ख़ुशी से दूँगा सचमुच Posted on April 8, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments सब ख़ुशी से दूँगा सचमुच अपना मनमाना तो ले ।। तुझको चाहा इस ख़ता का मुझसे हर्जाना तो ले ।। ढूँढता हूँ तुझको अपना सर हथेली पर लिए , तू न दे तोहफ़ा-ए-दिल मेरा ये नज़्राना तो ले ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,331