■ मुक्तक : 521 – इक नज़र गौर से देखो Posted on April 9, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments इक नज़र गौर से देखो जनाब की सूरत ।। दिल फटीचर है मगर रुख नवाब की सूरत ।। सिर्फ़ काँटा हैं मगर अपनी ख़ुशनसीबी से , पा गये सुर्ख़ वो शाही गुलाब की सूरत ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 1,424