■ मुक्तक : 524 – तिल-ख़ुशी से आस्माँँ Posted on April 13, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments तिल-ख़ुशी से आस्माँँ सा दूर हूँ ।। ताड़-ग़म सीने में ढो-ढो चूर हूँ ।। पूछ मत मेरी मियादे ज़िन्दगी , यूँ समझ ले इक खुला काफ़ूर हूँ ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 2,122