■ मुक्तक : 527 – घिनौने फूल को सुन्दर Posted on April 16, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments घिनौने फूल को सुन्दर गुलाब कौन करे ? कि ठहरे नाले को बहती चनाब कौन करे ? लिखे हैं मैनें जो बिखरे भले-बुरे से सफ़े , उन्हें समेट के अच्छी किताब कौन करे ? -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,326