■ मुक्तक : 530 – यूँ तो कभी हम आँख Posted on April 20, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments यूँ तो कभी हम आँख को अपनी भूले न नम करते हैं ।। और ज़रा सी , छोटी सी बातों पर भी न ग़म करते हैं ।। हम न तड़पते ग़ैर जिगर में तीर चुभोते तब भी , होती बड़ी तक्लीफ़ है तब जब अपने सितम करते हैं ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,431