मुक्तक : 551 – अपने हुनर-ओ-फ़न का Posted on June 22, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments अपने हुनर-ओ-फ़न का पूरा करके इस्तेमाल ॥ उसने दिखाया हमको इक बहुत बड़ा क़माल ॥ कल तक वो पैसे-पैसे का मोहताज, नामचीन बन बैठा आज रातों रात अमीर मालामाल ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 101