■ मुक्तक : 553 – क्या मस्त मैंने उसकी Posted on June 24, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments क्या मस्त मैंने उसकी निगाहों को था पिया ? उसने भी हाथों हाथ मेरा दीद ले लिया ।। उठ ही रहा था दोनों तरफ से धुआँ गरम , दुनिया ने हमको जलने से पहले बुझा दिया ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,533