■ मुक्तक : 561 – बज़्म में मस्जिद में Posted on June 29, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments बज़्म में मस्जिद में या कभी मैकदा आया ॥ साथ यारों को लिए या अलाहदा आया ॥ जाने क्यों लेकिन ख़ुशी में भी आज़माया है , साफ़ नमदीदा हमेशा वो ग़मज़दा आया ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 2,240