■ मुक्तक : 562 – कभी उनसे से ज़रा Posted on July 1, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments कभी उनसे से ज़रा मिल जाएँ पल दो पल निगाहें ॥ मेरा दिल होके बेक़ाबू लगे भरने को आहें ॥ क़दम उन तक पहुँचने को बदल जाएँ परों में , सटा लेती हैं सीने से उन्हें ख़्वाबों में बाँँहें ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 1,729