■ मुक्तक : 618 – तुम जलाते हो तब भी Posted on October 15, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments तुम जलाते हो तब भी तुमको जला कहना है !! तुम गलाते हो फिर भी तुमको गला कहना है !! जानता हूँ मैं तुम बुरे हो मगर चाहत में , मुझको ना चाहकर भी तुमको भला कहना है !! -डॉ. हीरालाल प्रजापति 2,210