■ मुक्तक :633 – जब पूरी पाई न आध Posted on November 8, 2014 /Under मुक्तक /With 0 Comments जब पूरी पाई ना आध ॥ थी जिसकी वर्षों से साध ॥ इस कारण कर बैठा हाय , उसकी हत्या का अपराध ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,466