अकविता (8) – कितना अच्छा था वह ? Posted on January 13, 2015 /Under कविता /With 0 Comments उसके मरने के बाद – कितना क़ीमती था वह ? कितना उपयोगी था वह ? कितना अच्छा था वह ? और भी न जाने क्या-क्या वह था ? जो उसे मैंने कभी नहीं समझा , कभी नहीं कहा – पता चला । -डॉ. हीरालाल प्रजापति 125