■ मुक्तक : 658 – तोहफ़े वो भेजें Posted on January 8, 2015 /Under मुक्तक /With 0 Comments तोहफ़े वो भेजें जानबूझकर , न भूल के ।। काँटों के वो भी नोकदार चुन बबूल के ।। उस पर भी तुर्रा कहके ये क़बूलें हम उन्हें , जैसे वो फाहे रूई के हों , गुच्छे फूल के ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,228