गीत (34) – सब कुछ वो मुझसे छीन
सब कुछ वो मुझसे छीन-झपट आज ले गया ॥
हिलमिल के रहते थे जो मेरे संग प्यार से ।
पाले थे मैंने जितने भी विहंग प्यार से ।
पिक,काक,शुक,कपोत और बाज ले गया ॥
दो-चार-पाँच-छः या कदाचित् वो सात थे ।
पर जो भी मेरे पास में जवाहिरात थे ।
जैसे कि हीरा,नीलम,पुखराज ले गया ॥
कपड़े जो तन पे थे बस उनको छोड़ के सभी ।
चद्दर , अँगोछा भी गया ले मोड़ के सभी ।
जूते भी और टोप माने ताज ले गया ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति