■ मुक्तक : 696 – मौसम बर्फ़बारी का Posted on April 11, 2015 /Under मुक्तक /With 0 Comments अदा से , नाज़ से , अंदाज़ से , हक़ से , क़रीने से ॥ टिका रक्खा था उसने अपने सर को मेरे सीने से ॥ यक़ीनन वादियों में था वो मौसम बर्फ़बारी का , मगर उस वक़्त लथपथ हो रहा था मैं पसीने से ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,261