
फ़क़त इक ही मगर सबसे बड़ी तुझमें ख़राबी है ।।
ज़रा रुक ! सुन ! तुझे रहती हमेशा क्यों शिताबी है ?
सुनें क्यों होश वाले होश की बातें तेरी बतला ?
कि जब बदनाम तू इस शह्र में ख़ालिस शराबी है ।।
( फ़क़त=मात्र ,शिताबी=शीघ्रता , शह्र=नगर ,ख़ालिस=केवल और केवल )
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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