■ मुक्तक : 710 – जन्मा इक किन्नर ने बच्चा ! Posted on May 15, 2015 /Under मुक्तक /With 0 Comments जो गप्पी लोगों को देता फिरता गच्चा ॥ कैसे मानलूँ है इस बार वो सचमुच सच्चा ? ढोल बजाकर , चीख असंभव समाचार दे , हृष्ट-पुष्ट जन्मा है इक किन्नर ने बच्चा !! -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,371