मुक्तक : 728 – भूल हमने क्यों यही की Posted on July 15, 2015 /Under मुक्तक /With 0 Comments ( चित्र Google Search से साभार ) बिन्दु को जिसने हज़ारों बार सिन्धु समझ लिया ; सिन्धु को क्या सोच अनगिन बार बिन्दु समझ लिया ? भूल हमने क्यों यही की बार-बार उसके लिए , ना समझना था समझदार उसको किन्तु समझ लिया ? -डॉ. हीरालाल प्रजापति 115