मुक्तक : 731 – पलँग-खाट वाले ॥ Posted on July 18, 2015 /Under मुक्तक /With 0 Comments भटकते फिरें राजसी-बाट वाले ॥ ज़मीं पर पड़े हैं पलँग-खाट वाले ॥ बना दी है वो वक़्त ने उनकी हालत , रहे अब न घर के न वो घाट वाले ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 100