मुक्तक : 751 – विलोम ? Posted on August 16, 2015 /Under मुक्तक /With 0 Comments है स्वाद में वो विष-सम , प्रभविष्णुता में सोम ॥ ऊपर से लौह सदृश , नीचे विशुद्ध मोम ॥ उद्देश्य गुप्त होगा या उच्च अन्यथा , अन्तः से बाह्य को क्यों रखता वो यों विलोम ? -डॉ. हीरालाल प्रजापति 127