■ मुक्तक : 752 – ग़मज़दा कर दें ॥ Posted on August 18, 2015 /Under मुक्तक /With 0 Comments मस्जिदों, कुछ बुतकदों को मैकदा कर दे ॥ कुछ फ़रिश्तों को ख़तरनाक इक ददा कर दे ॥ ख़ुशमिजाज़ आशिक़ को हद से भी ज़ियादा जब , इश्क़ में नाकामयाबी ग़मज़दा कर दे ॥ ( बुतकदों=मन्दिरों, मैकदा=मदिरालय, ददा=दरिंदा ) -डॉ. हीरालाल प्रजापति 8,156