मुक्तक : 754 – घिसी-पिटी, ज़बीं ॥ Posted on August 19, 2015 /Under मुक्तक /With 0 Comments [ चित्रांकन : डॉ. हीरालाल प्रजापति ] बदसूरती नज़र कहीं भी आएगी नहीं ॥ चिकनी लगेगी खुरदुरी घिसी-पिटी, ज़बीं ॥ चेचक , मुँहासे , मस्से कुछ नज़र न आएँगे , चढ़कर के आस्माँ से झाँकिए अगर ज़मीं ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 110