मुक्तक : 758 – फ़िक्र अगर होती ॥ Posted on August 26, 2015 /Under मुक्तक /With 0 Comments तुझको मेरे दर्द की सच फ़िक्र अगर होती ॥ ना सही पूरी ज़रा सी ही मगर होती ॥ है अभी तक बेअसर मुझ पर दवा जो वो , तू पिलाती तो यक़ीनन कारगर होती ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 116