मुक्तक : 778 – निगाहें रखना ॥ Posted on November 4, 2015 /Under मुक्तक /With 0 Comments खोल के अपनी बंद – बंद ये बाहें रखना ॥ मरते दम तक मेरी रहों पे निगाहें रखना ॥ अबकी जो मैं गया न लौट के फिर आऊँगा , फिर ज़माने तू मेरी कितनी भी चाहें रखना ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 103