मुक्तक : 786 – हिज़्र में तेरे Posted on December 6, 2015 /Under मुक्तक /With 0 Comments आता नहीं तू याद फिर भी याद करूँगा ॥ आती हँसी है तब भी सिर्फ़ आह भरूँगा ॥ वादा जो कर लिया है तुझसे हिज़्र में तेरे , जब तक जिऊँगा तेरे ही लिए मैं मरूँगा ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 207