मुक्तक : 792 – न कह उसको तू ‘तू’ ॥ Posted on December 18, 2015 /Under मुक्तक /With 0 Comments वो इक शेर है कोई हरगिज़ न आहू ॥ उसे ‘आप’ ही कह न कह उसको तू , ‘तू’ ॥ कभी मेरे क़िस्सों का किरदार था वो , मेरी शायरी का रहा है वो मौजू ॥ ( आहू=हिरण , किरदार=चरित्र ,शायरी=कविता ,मौजू=विषय ) -डॉ. हीरालाल प्रजापति 96