मुक्तक : 810 – किसकी है वह ? Posted on February 21, 2016 /Under मुक्तक /With 0 Comments मूर्ति मन मंदिर में मेरे माप की बैठी रही ॥ चाहता था जैसी मैं उस नाप की बैठी रही ॥ पूछते हो किसकी है वह ? और किसकी हो सके ? आप की बस आप की बस आप की बैठी रही ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,976