मुक्तक : 815 – सायों की तरह से ॥ Posted on March 13, 2016 /Under मुक्तक /With 0 Comments भूले से भूखे शेर से गायों की तरह से ॥ घनघोर अंधकार में सायों की तरह से ॥ लगता ज़रूर अजीब है लेकिन है हक़ीक़त , मिलता है अपनों से वो परायों की तरह से ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 2,287