■ मुक्तक : 833 – नर्म बाँहों में Posted on May 12, 2016 /Under मुक्तक /With 0 Comments हाथ में झट हाथ मेरा धर लिया उसने ॥ नर्म बाँहों में फटाफट भर लिया उसने ॥ इश्क़ के इज़हार का ढंग सोचता ही था , आ के इक़रारे मोहब्बत कर लिया उसने ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,358