मत हँसें ! Posted on July 16, 2016 /Under अन्य /With 0 Comments [ चित्र Google Search से साभार ] चाहकर भी हो न पाते छरहरे , हम पे क़ुदरत का है ये ज़ुल्मो-सितम ॥ हम पे हँसने की जगह करना दुआ , कैसे भी हो ? हो हमारा वज़्न कम ॥ -डॉ. हीरालाल प्रजापति 611