*मुक्त-मुक्तक : 868 – किसी का मौन Posted on March 16, 2017 /Under मुक्तक /With 0 Comments किसी की चीख़ और ना फिर किसी का मौन रोकेगा ॥ न हिन्दू सिक्ख ईसाई न जैन औ’ जौन रोकेगा ॥ जब ऊग आएँगे मेरी पीठ पर दो पंख उड़ने को , मुझे छूने से फिर आकाश बोलो कौन रोकेगा ॥ ( जौन = यवन या मुसलमान ) डॉ. हीरालाल प्रजापति 112