■ मुक्तक : 869 – लो सातों रंग Posted on March 17, 2017 /Under मुक्तक /With 0 Comments लो सातों रंग अलग घोल साथ ले जाओ ।। कलंकहीनों के सँग होली खेलकर आओ ।। रँगे सियारों को रँगने में रंग मत ख़र्चो , न रंग बदलते हुए गिरगिटों से रँगवाओ ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,156