■ मुक्तक : 876 – रक्तरंजित Posted on February 17, 2018 /Under मुक्तक /With 0 Comments मैंने पाया है क्या और किससे हूँ वंचित ? पूर्ण कितना हूँ मैं और कितना हूँ खंडित ? भेद पूछो जो क्या है मेरी लालिमा का , जान जाओगे मैं कितना हूँ रक्तरंजित ? -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,330