■ मुक्तक : 573 – अक़्लमंद Posted on June 17, 2019 /Under मुक्तक /With 0 Comments हैं उसके अक़्ल वाले द्वार बंद देखिए ।। दिल की मगर कमाल की पसंद देखिए ।। करता है आज कौन उल्लुओं से दोस्ती , भैंसों से प्यार करता अक़्लमंद देखिए ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 3,281