
सब वफ़ादारी मेरी फिर आपकी ,
सिर्फ़ अपनापन ज़रा सा दीजिए ।।
ख़ूबसूरत मैं भी हूँ मुझ पर अगर ,
प्यार से अपनी नज़र इक कीजिए ।।
कुछ नहीं सचमुच नहीं कुछ आज बस ,
चाहता हूँ आप अपने हाथ से ,
सेल्फ़ी तो ख़ूब खींचीं आपने ,
इक मेरी तस्वीर भी ले लीजिए ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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