■ मुक्तक : 912 – तस्वीर Posted on August 13, 2019 /Under मुक्तक /With 0 Comments धागा भी हो गया इक ज़ंजीर आज तो ।। काँटा भी लग रहा है शमशीर आज तो ।। कल तक की भीगी बिल्ली बन बैठी शेरनी , तब्दीलियों की देखो तस्वीर आज तो ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 2,563